मंगल
मंगल का नाम युद्ध के रोमन देवता पर है विभिन्न संस्कृतियों में मंगल वास्तव में मर्दानगी और युवाओं का प्रतिनिधित्व करता है । मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के जैसा ही है और इस ग्रह पर जीवन के होने की संभावनाएं भी हैं। 1965 में मेरीनार के द्वारा पहली मंगल उड़ान से पहले यह माना जाता था कि इस ग्रह की सतह पर जल हो सकता है। मंगल के दो चंद्रमा है फोबोस और डिमॉस और यह दोनों छोटे और अनियमित आकार के हैं। मंगल ग्रह हमारी पृथ्वी के यहां से लगभग आधा ही है। मंगल की मिट्टी थोड़ी क्षारीय है तथा इसमें मैग्नीशियम सोडियम पोटैशियम क्लोराइड जैसे तत्व है यह जानकारी फिनिक्स लेंडर ने बताई थी। यहां यहां के वातावरण में ज्यादा कर ढूंढ ही है जो मंगल को आसमान से देखने में पीला रंग देता है। मंगल ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 कम है ।
· इसे लाल ग्रह भी कहते हैं क्योंकि इसकी सतह आईरन ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण लाल होती है।
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यह सूर्य की परिक्रमा 686 दिन में करता है तथा अपनी धुरी पर 24.7 दिन में घूमता है।
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इस ग्रह पर जीवन की संभावना व्यक्त की जा रही है क्योंकि यहां पर वायुमंडल पाया जाता है।
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इसके 2 उपग्रह है फोबोस तथा डिमोस।
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मंगल का सबसे ऊंचा पर्वत ज्वालामुखी निक्स ओलंपिया है जो माउंट एवरेस्ट से 3 गुना ऊंचा है।
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पाथफाइंडर, मार्क्स ग्लोबल सर्वे, ओडीसी ,अपॉर्चुनिटी आदि मंगल के अध्ययन हेतु खींचे के प्रक्षेपण यान है ।
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फोबोस मंगल की ओर झुकता ही जा रहा है लगभग हर 100 साल में यह मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है अगर इसी तरह से झुकता रहेगा तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 50000000 साल में फोबोस मंगल से टकरा सकता है और टूट सकता है।
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फोबोस पर गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का 1000 वां हिस्सा है यानी कि 80 किलो का व्यक्ति पर 80 ग्राम का होगा।
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मंगल पृथ्वी के व्यास का लगभग आधा है और यह पृथ्वी से कम खाना है और मंगल ग्रह बुध ग्रह से बड़ा है अधिक भारी भी है।
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गर्मियों में यहां सबसे ज्यादा टॉप तापमान होता है 27 डिग्री सेल्सियस और ठंड में या माइनस 133 डिग्री तक चला जाता है।
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मंगल में 1 दिन में अतिरिक्त 37 मिनट होते हैं और यहां पर एक साथ पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर है।
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यहां के वातावरण में सबसे ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड ही है और ऑक्सीजन सिर्फ 0.1 फ़ीसदी है।
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मंगल ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के मुकाबले बहुत कम है लेकिन अन्य ग्रहों से तुलना करने पर यह हुबहू पृथ्वी जैसा ही है यही कारण है कि पृथ्वी के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश करने के अभियान कर रहे हैं वहां की जानकारी हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं।
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